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अमेरिका ने भारतीयों को दिया सबसे ज्यादा एच1बी वीजा, राज्यसभा में सरकार ने दी जानकारी

सरकार ने गुरुवार को कहा कि अमेरिका द्वारा जारी एच1बी वीजा (Parliament session) में सबसे ज्यादा भारतीयों को मिला है। विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि अक्टूबर 2022 से सितंबर 2023 की अवधि के लिए अमेरिका द्वारा जारी किए गए सभी एच1बी वीजा में से 72.3 प्रतिशत भारतीय नागरिकों को प्राप्त हुए हैं।

हसीना पिछले साल पांच अगस्त से भारत में रह रही

उन्होंने कहा कि यूक्रेन में संघर्ष शुरू होने से पहले 21,928 भारतीय छात्र थे, लेकिन एक नवंबर, 2024 तक केवल 1,802 छात्र विभिन्न यूक्रेनी विश्वविद्यालयों में नामांकित हैं। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि बांग्लादेश सरकार ने अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग की है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश सरकार को कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। हसीना पिछले साल पांच अगस्त से भारत में रह रही हैं।

रूसी सशस्त्र बलों में शामिल 16 भारतीय लापता

सरकार ने संसद को सूचित किया कि रूसी सशस्त्र बलों में शामिल 16 भारतीयों को रूसी पक्ष द्वारा लापता बताया गया है। कीर्ति वर्धन सिंह ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित जवाब में 18 भारतीयों के राज्यवार जानकारी साझा किए, जिसमें कहा गया कि नौ उत्तर प्रदेश से, दो-दो पंजाब और हरियाणा से, और एक-एक चंडीगढ़, महाराष्ट्र, केरल और बिहार, जम्मू और कश्मीर से थे। एक अन्य प्रश्न के उत्तर में सिंह ने कहा कि रूसी सशस्त्र बलों में 12 भारतीय नागरिकों के जान गंवाने की सूचना है।

कनाडा सरकार ने उग्रवादियों को दी है पनाह विदेश राज्य मंत्री ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि 1985 के कनिष्क बम विस्फोट के आतंकवादी कृत्य से सीखे गए सबक के बावजूद, कनाडाई सरकार द्वारा हिंसक उग्रवादियों और अलगाववादियों को चार्टर स्वतंत्रता के नाम पर अपनी गतिविधियां जारी रखने के लिए पनाह दी है।उन्होंने कहा कि 1985 के कनिष्क बम विस्फोट के लिए जिम्मेदार लोगों की जांच, अभियोजन और उसके विवरण के संबंध में कनाडाई सरकार से वर्तमान स्थिति के बारे में पूछा गया है।

चीन की मेगा बांध परियोजना की घोषणा पर नजर

एक अन्य प्रश्न के लिखित उत्तर में कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार की तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में ब्रह्मपुत्र नदी पर एक मेगा बांध परियोजना की चीन की घोषणा पर नजर है। सीमा पार नदियों से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चीन के साथ 2006 में स्थापित संस्थागत विशेषज्ञ स्तर तंत्र के दायरे में और साथ ही राजनयिक चैनलों के माध्यम से चर्चा की जाती है।मंत्रालय से पूछा गया था कि क्या भारत और बांग्लादेश में बहने वाली ब्रह्मपुत्र नदी पर जलविद्युत बांध बनाने के चीन के फैसले ने नदी के निचले हिस्से में रहने वाले लाखों लोगों पर इसके संभावित प्रभाव के बारे में चिंताएं बढ़ा दी हैं।

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