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आज संसद में पेश होगी जेपीसी रिपोर्ट, विपक्ष ने लगाए गंभीर आरोप

वक्फ संशोधन विधेयक 2024 (Waqf Bill 2024) पर जगदंबिका पाल की अगुवाई वाली संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट आज संसद में पेश होगी। कार्यसूची के अनुसार, भाजपा सांसद जगदंबिका पाल, संजय जायसवाल के साथ, समिति के समक्ष दिए गए साक्ष्यों के रिकॉर्ड के साथ रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।

रिपोर्ट को स्पीकर के सामने पेश किया जाएगा
इससे पहले जगदंबिका पाल ने विधेयक (Waqf Amendment Bill 2024) पर समिति की अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए गुरुवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात की। उन्होंने बुधवार को समाचार एजेंसी एएनआई से कहा,
हमने रिपोर्ट और संशोधित विधेयक को स्वीकार कर लिया है। पहली बार हमने एक खंड शामिल किया है जिसमें कहा गया है कि वक्फ का लाभ हाशिए पर पड़े लोगों, गरीबों, महिलाओं और अनाथों को मिलना चाहिए। कल हम इस रिपोर्ट को स्पीकर के सामने पेश करेंगे।

विपक्ष ने लगाए आरोप
भाजपा सांसद पाल (Jagdambika Pal) ने ये भी कहा कि हमारे सामने 44 खंड थे, जिनमें से 14 खंडों में सदस्यों द्वारा संशोधन प्रस्तावित किए गए थे। हमने बहुमत से मतदान किया और फिर इन संशोधनों को स्वीकार कर लिया गया। जेपीसी ने 29 जनवरी को मसौदा रिपोर्ट और संशोधित संशोधित विधेयक को स्वीकार कर लिया।

हालांकि, विपक्षी नेताओं ने रिपोर्ट पर अपनी असहमति नोट प्रस्तुत किए। असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि उनके असहमति नोट को हटा दिया गया है। ओवैसी ने दावा किया कि जेपीसी रिपोर्ट पर उनके असहमति नोट के कुछ हिस्सों को हटा दिया गया था।

ओवैसी ने कहा,
मैंने वक्फ विधेयक के खिलाफ जेपीसी को एक विस्तृत असहमति नोट प्रस्तुत किया था। यह चौंकाने वाला है कि मेरे नोट के कुछ हिस्सों को मेरी जानकारी के बिना एडिट किया गया। हटाए गए खंड विवादास्पद नहीं थे, उनमें केवल तथ्य बताए गए थे।

ओवैसी ने आरोप लगाया कि जेपीसी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल विपक्ष की आवाज को दबा रहे हैं, जबकि उन्हें ‘वह रिपोर्ट मिल गई है जो वे चाहते थे’।

वक्फ अधिनियम की होती रही है आलोचना
वक्फ संपत्तियों को विनियमित करने के लिए अधिनियमित वक्फ अधिनियम 1995 की लंबे समय से कुप्रबंधन, भ्रष्टाचार और अतिक्रमण जैसे मुद्दों के लिए आलोचना की जाती रही है।

वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 का उद्देश्य डिजिटलीकरण, बेहतर ऑडिट, बेहतर पारदर्शिता और अवैध रूप से कब्जे वाली संपत्तियों को वापस लेने के लिए कानूनी तंत्र जैसे सुधारों को पेश करके इन चुनौतियों का समाधान करना है।

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